THE ULTIMATE GUIDE TO BAGLAMUKHI SHABAR MANTRA

The Ultimate Guide To baglamukhi shabar mantra

The Ultimate Guide To baglamukhi shabar mantra

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क्या भगवती बगलामुखी के सहज, सरल शाबर मत्रं साधना भी हैं तो कृपया विघान सहित बताएं।

Baglamukhi is the eighth Mahavidya One of the ten Mahavidyas. She is worshipped to overcome the enemy, to receive achievements in debates, also to get flexibility from illusion.

दूसरे भाग “सकल कार्य सफल होइ” का अर्थ है कि देवी कृपा से सभी कार्य सफल होंगे। अंत में, “ना करे तो मृत्युंजय भैरव की आन” का मतलब है कि अगर देवी कृपा नहीं करें, तो मृत्युंजय भैरव की कसम है।

Goddess Baglamukhi carries a cudgel in her fingers to smash the troubles confronted by her devotees. Here are some mantras of Baglamukhi with their meanings and the main advantages of chanting them.

शक्ति में वृद्धि: आंतरिक शक्ति और सामर्थ्य में वृद्धि होती है।

नकारात्मक ऊर्जा से रक्षा: नकारात्मक ऊर्जा और बुरी शक्तियों से रक्षा होती है।

यह मंत्र बगलामुखी देवी की शक्ति और कृपा को प्राप्त करने के लिए है। इसे जपने से भक्त अपने जीवन की समस्याओं और परेशानियों का समाधान प्राप्त कर सकते हैं। इस मंत्र का उद्देश्य देवी बगलामुखी से सदा कृपा प्राप्त करना है।

जिव्हा खिंच लो शत्रु की सारी, बोल सके न बिच सभारी तुम मातु मैं दास तुम्हारा,

अर्थात् : जिसने ज्ञान-विज्ञान की प्राप्ति होती है और पाप-समूह नष्ट होते हैं ऐसे सद्-गुरू के मुख से प्राप्त ‘मत्रं ग्रहण को दीक्षा कहते है।

साधना अष्टमी को एक दीपक में सरसों के तेल या मीठे तेल के साथ श्मशान में छोड़े हुए वस्त्र की बत्ती बनाकर जलाएं। विशेष दीपक को उड़द की दाल के ऊपर रखें। फिर पीला वस्त्र पहनकर और पीला तिलक लगा कर हल्दी से उसकी पूजा करें। पीले पुष्प चढ़ाएं और दीपक की लौ में भगवती का ध्यान कर बगलामुखी के मंत्र का एक हजार बार तीनों शाबर मत्रं से किसी भी एक का जप करें।तथा मद्य और मांस का भोग लगाएं।

Chanting the Baglamukhi mantra minimizes the strength of enemies and liberates a person from their influence. It safeguards speech and delivers psychological click here peace.

ॐ ह्ल्रीं भयनाशिनी बगलामुखी मम सदा कृपा करहि, सकल कार्य सफल होइ, ना करे तो मृत्युंजय भैरव की आन॥

यदि दीपक की लौ सीधी जाए, तो यह कार्य के शीघ्र सिद्ध होने का सूचक है। किंतु यदि लौ टेढ़ी जाती हो या बत्ती से तेल में बुलबुले उठें, तो कार्य की सिद्धि में विलंब होगा।

ॐ ह्लीं बगलामुखि सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तम्भय जिह्वां कीलय बुद्धिं विनाशय ह्रीं ॐ स्वाहा ।

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